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AIDED MUSLIM GIRLS SCHOOL SASARAM OF KHANQUAH ESTATE

THE MUSLIM GIRLS MIDDLE SCHOOL OF KHANQUAH WAQF ESTATE

MUSLIM GIRLS SCHOOL OF KHANQUAH ESTATE SASARAM

Old to New images of School campus.

स्कूल निम्न प्रकार से साबित है के खानकाह इस्टेट का है:-

1.  यह कि, बुरहानउद्दीन अहमद बिहार सरकार के बिहार राज्य सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के द्वारा मोमो नंबर-4523, दिनांक-30-12-2019 अनुमोदित वो नियुक्त मोतवल्ली है।  यह कि, बुरहानउद्दीन अहमद बिहार सरकार के बिहार राज्य सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के द्वारा मोमो नंबर-4523, दिनांक-30-12-2019 अनुमोदित वो नियुक्त मोतवल्ली है।  यह कि, बुरहानउद्दीन अहमद बिहार सरकार के बिहार राज्य सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के द्वारा मोमो नंबर-4523, दिनांक-30-12-2019 अनुमोदित वो नियुक्त मोतवल्ली है।

2.  यह कि, खानकाह कबिरिया (खानकाह इस्टेट), वक़्फ़ नंबर-122 ए +बी, खानकाह कबीरगंज, सासाराम के सहायता प्राप्त मुस्लिम गर्ल्स मिडिल स्कूल, सासाराम के प्रबंधन का प्रकार स्कूल के वर्तमान अध्यक्ष वो सचिव वो प्रधान अध्यापक के द्वारा मोतवल्ली को प्रबंधन दिलाने के संबंध में ज़िला शिक्षा पदाधिकारी, रोहतास के पत्रांक-L-04, दिनांक-05-01-2021 एवं मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी बिहार राज्य सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड पटना के पत्रांक-2959, दिनांक-19-11-2020 के से प्राप्त निर्देश का अनुपालन करना सुनिश्चित कर प्रभारी प्रधानाध्याक के द्वारा मोतवल्ली बुरहानउद्दीन अहमद को प्रभार दिया और प्रबंधन का प्रभार ग्रहण कराया। प्रभार की सूची में कई बातों का वर्णन है एवं प्रभार में कई मूल दस्तावेज़ उपलब्ध कराए गये। साथ ही उक्त प्रभार में स्कूल की भूमि से संबंधित चल रहे विवाद से अवगत भी कराया गया और उचित करवाही के लिये अनुरोध भी किया गया।

3.  यह कि, खानकाह की बुनियाद हज़रत शाह कबीर दरवेश ने 1700 ई. के पूर्व में रखी थी।

4.  यह कि, बादशाह फ़रोख्सर ने दिनांक-14-मार्च-1717 ने एक लाख दाम परगना हवेली साहसराम (लगभग 18 गाँव) वो बादशाह शाह आलम ने दिनांक-13-अक्टूबर-1762 को दो लाख इकासी हज़ार दाम (लगभग-41 गाँव) वास्ते खर्च शाह कबीर दरवेश की खानकाह को दिया। जिस अल तमग़ा ईनाम को हज़रत शाह क़ायम उद्दीन पिता शरफ़ उद्दीन ने प्राप्त किया। जो हज़रत शाह कबीर दरवेश रहमतुल्लाह अलैह के पोता थे।

5.  यह कि, उक्त संपत्ति से होने वाले ख़र्च वास्ते खानकाह के किया जाना था तब से ही उक्त अल तमग़ा ईमान से मिली संपत्ति को वक़्फ़ मान लिया गया वैसे ही इस्तमाल किया गया और प्रिवि कॉउन्सिलिंग सदर लैंड लंदन वो लॉ कोर्ट ऑफ़ इंडिया ने भी उक्त सभी संपत्ति को वक़्फ़ मना। जो सदर दिवाने अदालत बंगाल के जजमेंट वर्ष-1824 वो प्रिवी कॉउन्सिलिंग के जजमेंट-1840-41 से साबित है।

6.  यह कि, खानकाह इस्टेट के इंतजामिया वो खर्च और टैक्स जैसे विवाद के कारण वर्ष 1884 में खानकाह के द्वारा तत्कालिन सज्जादानशीन शाह मोहीउद्दीन अहमद पिता शाह फखरूउद्दीन के द्वारा सेक्रेटरी ऑफ़ इस्टेट ऑफ़ इंडिया के विरुद्ध केस नंबर-741, सन,-1884ई. दिनांक-19 जुलाई-1884 ज़िला कोर्ट शाहाबाद में फ़ाइल किया गया था। जिसमे खानकाह के सभी वक़्फ़ गाँव का उल्लेख है। जिसमे डिग्री जजमेंट खानकाह के हित में फैसला हुआ।

7.  यह कि, पुनः एक केस डिग्री नंबर-1372/1898 विरूद्ध डिग्री एफ. एच. हार्डिंग, इ, क्यू. ज़िला जज शाहाबाद दिनांक-13 अप्रैल 1898 अफर्मिंग डिग्री ऑफ़ मौलवी अली अहमद मुंसिफ सासाराम दिनांक-16-जुलाई-1897, सेक्रेटरी ऑफ़ इस्टेट ऑफ़ इंडिया ने ज़िला कोर्ट के जजमेंट के विरूद्ध कलकत्ता हाई कोर्ट में सिविल अपील दर्ज किया जिसका भी फैसला शाह मोहिउद्दीन अहमद तत्कालीन सज्जादानशीन के हक़ में दिनांक-25 मई-1900ई. आया। इसी लिये कैडेस्ट्राल लैंड सर्वे वर्ष-1909-11 में सभी खानकाह इस्टेट की वक़्फ़ संपत्ति पर तत्कालीन मोतवल्ली शाह मलीहउद्दीन अहमद सज्जादानशीन का नाम दर्ज किया गया।

8.  यह कि, मुस्लिम गर्ल्स मिडिल स्कूल, सासाराम की संपत्ति जिसका खतियान (C.S) सर्वे वर्ष-1909-11, तौज़ी लाट नंबर-170, मौज़ा-गांजराड़, महल-रजोखार, थाना नंबर-134, खाता नंबर-43, खेसरा नंबर-119, रक़बा-83 डिसमिल खानकाह इस्टेट की है एवं संपत्ति के मालिक खानकाह के तत्कालीन मोतवल्ली “शाहमलीहउद्दीनअहमदसाहेबसज्जादानशींन” के नाम से दर्ज है।

9.  यह कि, वक़्फ़ संपत्ति को क्रय-विक्रय करना, दान देना या किसी व्यक्ति को ट्रांसफर करना संभव नहीं है जो प्रिवी कॉउन्सिलि सदर लैंड लंदन के जजमेंट जीवनदास साहू बनाम शाह कबीरउद्दीन अहमद वर्ष-1840-41 और वक़्फ़ अधिनियम-1995 (संशोधित 2013) की धारा-52ए के अंतर्गत वक़्फ़ संपत्ति को ख़रीद/ बिक्री/अतिक्रमण करना गैर क़ानूनी वो गैर ज़मानतिये अपराध है और प्राथमिकी दर्ज कराने का प्रावधान है।

10.  यह कि, खानकाह कबिरिया (खानकाह इस्टेट), वक़्फ़ नंबर-122 ए+बी का "मुस्लिम गर्ल्स मिडिल स्कूल, सासाराम में है। उक्त सहायता प्राप्त स्कूल की बुनियाद खानकाह इस्टेट तत्कालीन रीसीवर मौलवी मेहेंदी हसन वो सज्जादानशींन खानकाह इस्टेट के प्रतिनिधि सैयद शाह नसीहउद्दीन अहमद साहब ने दिनांक-21-04-1937 को रखी थी।

11.  यह कि, मुल्सिम गर्ल्स मिडिल स्कूल के पुराने मूल्य प्रस्ताव संख्या-06, दिनांक-01-12-1938 से साबित है की श्री मोहम्मद अज़फर अनुमंडल पदाधिकारी सासाराम ने खानकाह के पैसे से 1938 में स्कूल की बुनियाद रखी और भवन निर्माण किया। स्कूल के हॉल में लगे शिलान्यास पत्थर पर उस समय के अनुमंडल पदाधिकारी एवं खानकाह के तत्कालीन सज्जादानशीन शाह नजिहउद्दीन अहमद, मौलवी सैयद मेहंदी हसन साहब रीसीवर खानकाह, स्कूल के फॉउंडर नामजद हैं साथ ही सज्जादानशीन मोतवल्ली के प्रतिनिधि शाह नसीहउद्दीन अहमद को सचिव नामजद किया गया है। तब से ही सज्जादानशीन मोतवल्ली खानकाह वक़्फ़ इस्टेट के प्रतिनिधि सैयद शाह नसीहउद्दीन अहमद उक्त स्कूल के सचिव बने और वर्ष-1937-1948 तक सचिव थे। स्कूलों का जिला निरीक्षण पटना वो शाहाबाद पदाधिकारी के द्वारा स्कूल को प्राइमरी स्कूल की मान्यता का प्रमाण पत्र दिनांक-16-07-1938 को  मिल गया था और कुछ समय के बाद स्कूलों का जिला निरीक्षण पटना वो शाहाबाद पदाधिकारी के द्वारा स्कूल को मिडिल स्कूल की मान्यता का प्रमाण पत्र मेमो नंबर-1349, दिनांक-22-11-1938 के द्वारा मिल गई थी।

12.  यह कि, सज्जादानशीन मोतवल्ली के प्रतिनिधि शाह नसीहउद्दीन अहमद सचिव प्रबंध समिति मुल्सिम गर्ल्स मिडिल स्कूल ने बुक नंबर-2, वॉल्यूम नंबर-22, पेज नंबर-203 से 207, डीड नंबर-1727, सन-1938 निबंधित डीड से रु.1100 में स्कूल के नाम से उक्त भूमि खानकाह वक़्फ़  के पैसे से खरीदी है।

13.  यह कि, मुस्लिम गर्ल्स मिडिल स्कूल, सासाराम के भवन निर्माण में खानकाह वक़्फ़ इस्टेट के द्वारा रु.4000/- (चार हज़ार) से अधिक राशि दी गई थी और खानकाह इस्टेट के द्वारा प्रति माह रु. 100/-(सौ) दिनांक-11-04-1954 तक स्कूल के लिये दिया गया था। श्री आर. एन प्रसाद एम. ए, ज़िला न्यायधीश शाहाबाद के ऑर्डर नंबर-14, दिनांक-12-04-1954 को सहायता हेतु दी जाने वाली राशि को घाटा कर रु. 50/- (पचास) प्रति माह कार दिया गया था। जब वित्त कमी के कारण कठनाइयों का सामना करना पड़ने लगा तो ज़िला न्यायधीश शाहाबाद के द्वारा सज्जादानशीन खानकाह को रु. 500 (पांच सौ)के लगभग की राशि एरियर अदा करने हेतु आदेश दिया गया था। प्रधान अध्यापिका गर्ल्स मिडिल स्कूल के द्वारा अध्यक्ष बिहार राज्य सुन्नी मजलिस ए औक़ाफ़ पटना/ अध्यक्ष बिहार राज्य सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड पटना को दिनांक-08-04-1958, 26-03-1958 को लिखें गये पत्र से साबित है। माह मार्च 1958 में खानकाह वक़्फ़ इस्टेट के द्वारा उक्त स्कूल को रु. 300 (तीन सौ) दिया गया था। एकरामुल हक़ खान अध्यक्ष आलम शाही स्कूल वो मदरसा वो वक़्फ़ की समिति के द्वारा व्यय का बेवरा दिनांक-08-09-1958 के पत्र के साथ बिहार राज्य सुन्नी मजलिस ए औक़ाफ़ को भेजा गया था जिसमे फ़रवरी -1957 से अक्टूबर 1957 तक में रु. 450(चार सौ पचास) स्कूल को दिये जाने की बात दर्ज है और तत्कालीन सज्जादानशीन मोतवल्ली सैयद शाह सलिहउद्दीन अहमद उक्त पत्र में सचिव नामजद हैं। बिहार सूबे सुन्नी मजलिस ए औक़ाफ़ गुलाब बाग़ पटना। सदर ऑर्डर नंबर-84, दिनांक-10-04-1958, नज़ीर ए मजलिस, बिहार  सुन्नी मजलिस ए औक़ाफ़ के मेमो नंबर-XV-122(sh)-Mj/58/777+778, दिनांक-17/18-04-1958 से मदरसा वो मुस्लिम गर्ल्स मिडिल स्कूल की आलम शाही समिति को मंज़ूरी दी गई थी।  वर्ष-1982 तक हज़रत सैयद शाह सलिहउद्दीन अहमद सज्जादानशीन मोतवल्ली खानकाह वक़्फ़ इस्टेट रहे।

14.  यह कि, वर्ष-1956-57 तक ज़मींदारी रही है और दिनांक-14-04-1949 को खानकाह कबिरिया (खानकाह इस्टेट) संस्थान को बिहार सरकार के बिहार राज्य सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड पटना में निबंधित किया जा चूका है। मालिकाना हक़ भी खानकाह वक़्फ़ का ही रहा है और आज तक है। चुकी उक्त स्कूल खानकाह इस्टेट की ही बुनियादी जागीर है। जिसका हाल म्युनिसिपल सर्वे वार्ड नंबर-2, खाता संख्या-1761, खेसरा संख्या-2682 क, ख, ग, घ, च, छ रक़बा-0.3370 हेक्टर मुस्लिम कन्या मध्य विद्यालय सासाराम के नाम से तैयार है जिसका होल्डिंग नंबर-272 और वर्ष-2005-06 तक की होल्डिंग टैक्स रसीद स्कूल के नाम से निर्गत है। नगर परिषद के द्वारा भवन कर का बक़ाया राशि के भुगतान नहीं करने की स्थिति में ज्ञापांक-490, दिनांक-25-02-2017 से नया होल्डिंग संख्या-329 वर्ष नंबर-6/9 पुराना एवं कुल बक़ाया राशि रु. -89845/- की नोटिस प्रधानाचार्य मुस्लिम गर्ल्स मिडिल स्कूल को मिली। नियमतः स्कूल का भूमि भवन कर मुआफ़ है।

15.  यह कि, वर्ष-1909-11 के सर्वे खतियान में संपत्ति के मालिक तत्कालीन मोतवल्ली शाह मलीहउद्दीन अहमद साहेब सज्जादानशीन खानकाह के नाम से त्यार है। उस समय तुलसी पासी नाम के एक रैय्यत थे जो खानकाह इस्टेट को लगाना नहीं देते थे जिसकी वजह कर नीलामी मुकदमा रेजिस्ट्री संख्या-734, सन-1921 में बीबी पिरान पति सैयद शाह फ़तेह आलम साहब ने लिया। फिर परवाना दख़ल दिनांक-14-07-1922 बनाम मियाँजान खान का दख़ल कब्ज़ा दिनांक-22-07-1922 को हो गया। रियासत खलीफा वल्द सखावत ख़लीफ़ा के नाम से वर्ष 1929-30 का म्युनिसिपल सर्वे खेसरा पंजी प्लॉट नंबर-389, वार्ड नंबर-2 तैयार हुआ। पुनः रजिस्टर डीड नंबर-1727, सन-1938, बुक नंबर-2 वॉल्यूम नंबर-22, पेज नंबर-0203 से 0207 तक दिनांक-24-05-1938 को तत्कालीन सेक्रेटरी मैनेजिंग कमिटी मुस्लिम गर्ल्स स्कूल ने रु.1100/- रु. में ख़रीदा उसके बाद से अबतक उक्त संपत्ति पर स्कूल का कब्ज़ा चला आरहा है। उक्त संपत्ति को स्कूल के तत्कालीन सचिव सैयद शाह नसीहउद्दीन अहमद ने स्कूल के नाम से ख़रीद लिया। जिससे उक्त संपत्ति वापिस खानकाह में चली आई।

16.  यह कि, हाल म्युनिसिपल सर्वे वर्ष-2005 का खतियान, वार्ड नंबर-2, खाता संख्या-1761 प्लॉट नंबर-2682 क, ख, ग, घ, च, छ कुल रक़बा-0.3370 हेटर /83 डिसमिल है । तत्कालीन सचिव मुस्लिम गर्ल्स मिडिल स्कूल के नाम से तैयार है।

17.  यह कि, पूर्व में स्कूल की पूर्व ग़ैर अनुमोदित प्रबंध समिति के सदस्य स्कूल की वक़्फ़ भूमि-83 डिसमिल जिसकी वर्तमान क़ीमत 70 करोड़ से अधिक है को क्रय विक्रय करने का प्रयास कर रहे थे। ज़िला प्रशासन एवं अनुमंडल पदाधिकारी कि जानकारी में यह बात आने पर वे भाग खड़े हुए और आज भी पुनः स्कूल की वक़्फ़ संपत्ति को बेचने का प्रयास कर रहे थे। जिनके ग़ैर क़ानूनी मक़सद को नाकाम कर ज़िला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी-सह-वक़्फ़ नोडल पदाधिकारी से अनुरोध कर श्रीमान/ज़िला अवर निबंधक सासाराम एवं अन्य संबंधित पदाधिकारिगण से उक्त वक़्फ़ स्कूल की संपत्ति की अवैध निबंधन पर रोक लगाने की लिये ज़िला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी पत्रांक-360 दिनांक-26-11-2020 से निबंधन पर रोक लगाने के लिये अनुरोध किया गया है।

18.  यह कि, उक्त संपत्ति वक़्फ़ है जिसे बेचना/ख़रीदना/नुकसान पहुँचाना ग़ैर क़ानूनी एवं ग़ैर ज़मानातिये अपराध है । अचंला अधिकारी सासाराम के कार्यालय में खानकाह इस्टेट के ज़मींदारी के समय की रैयत की सूची (खानकाह इस्टेट का रैयती रिटर्न) जमा किया जा चूका है। जिसका वर्णन सरकार के सचिव रजस्व विभाग के द्वारा जारी किया गया मेमो वर्ष 1956 में है।जिसपर मोतवल्ली बुरहानउद्दीन अहमद ने प्रभार लेने वो स्कूल की वक़्फ़ संपत्ति को बचाने के लिये सरकार से कारवाई की मांग की है।